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"हमने दिल जो दिया तो दिया कोई क़ीमत नहीं माँगते / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | हमने दिल जो दिया तो दिया कोई क़ीमत नहीं | + | हमने दिल जो दिया तो दिया कोई क़ीमत नहीं माँगते |
बस बराबर मुलाका़त होती रहे हम मुहब्बत नहीं माँगते। | बस बराबर मुलाका़त होती रहे हम मुहब्बत नहीं माँगते। | ||
− | आग कोई बुझाने में जो हाथ मेरा तनिक जल गया | + | आग कोई बुझाने में जो हाथ मेरा तनिक जल गया |
अपने घर वालों से इस सबब हम नसीहत नहीं माँगते। | अपने घर वालों से इस सबब हम नसीहत नहीं माँगते। | ||
− | भाइयों की खुशी के लिए थेाड़ा संतोष जो कर लिया | + | भाइयों की खुशी के लिए थेाड़ा संतोष जो कर लिया |
उसके बदले में उनकी तरफ़ से हम मुरौव्वत नहीं माँगते। | उसके बदले में उनकी तरफ़ से हम मुरौव्वत नहीं माँगते। | ||
− | घन कमाने की कोशिश करें, ख़्याल इतना तो लेकिन रहे | + | घन कमाने की कोशिश करें, ख़्याल इतना तो लेकिन रहे |
हाय जिसमें ग़रीबों की हो ऐसी दौलत नहीं माँगते। | हाय जिसमें ग़रीबों की हो ऐसी दौलत नहीं माँगते। | ||
− | वो हवाओं के झोंके थे जो छू के उसके लबों को गये | + | वो हवाओं के झोंके थे जो छू के उसके लबों को गये |
ऐसी गुस्ताखियों के लिए वो इजाज़त नहीं माँगते। | ऐसी गुस्ताखियों के लिए वो इजाज़त नहीं माँगते। | ||
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17:24, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
हमने दिल जो दिया तो दिया कोई क़ीमत नहीं माँगते
बस बराबर मुलाका़त होती रहे हम मुहब्बत नहीं माँगते।
आग कोई बुझाने में जो हाथ मेरा तनिक जल गया
अपने घर वालों से इस सबब हम नसीहत नहीं माँगते।
भाइयों की खुशी के लिए थेाड़ा संतोष जो कर लिया
उसके बदले में उनकी तरफ़ से हम मुरौव्वत नहीं माँगते।
घन कमाने की कोशिश करें, ख़्याल इतना तो लेकिन रहे
हाय जिसमें ग़रीबों की हो ऐसी दौलत नहीं माँगते।
वो हवाओं के झोंके थे जो छू के उसके लबों को गये
ऐसी गुस्ताखियों के लिए वो इजाज़त नहीं माँगते।