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"ज़िंदगी के सभी ग़म भुला दीजिए / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | ज़िंदगी के सभी ग़म भुला | + | ज़िंदगी के सभी ग़म भुला दीजिए |
सुरमई शाम है बस मज़ा लीजिए। | सुरमई शाम है बस मज़ा लीजिए। | ||
− | गर दिया रात तो चाँदनी भी दिया | + | गर दिया रात तो चाँदनी भी दिया |
शुक्रिया उस ख़ुदा का अदा कीजिए। | शुक्रिया उस ख़ुदा का अदा कीजिए। | ||
− | आज हँसने, हँसाने का मौका मिला | + | आज हँसने, हँसाने का मौका मिला |
बस, यही सोचकर मुस्करा दीजिए। | बस, यही सोचकर मुस्करा दीजिए। | ||
− | लोग महफिल से जाँयें तो गाते हुए | + | लोग महफिल से जाँयें तो गाते हुए |
आप ऐसी ग़ज़ल गुनगुना दीजिए। | आप ऐसी ग़ज़ल गुनगुना दीजिए। | ||
17:24, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
ज़िंदगी के सभी ग़म भुला दीजिए
सुरमई शाम है बस मज़ा लीजिए।
गर दिया रात तो चाँदनी भी दिया
शुक्रिया उस ख़ुदा का अदा कीजिए।
आज हँसने, हँसाने का मौका मिला
बस, यही सोचकर मुस्करा दीजिए।
लोग महफिल से जाँयें तो गाते हुए
आप ऐसी ग़ज़ल गुनगुना दीजिए।
उस बेचारे की ये उम्र मरने की क्या?
सिर्फ़ बीमार है वो बचा लीजिए।