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"बजर बजता है तो उसको सुनायी कुछ नहीं देता / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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15:23, 24 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
बजर बजता है तो उसको सुनायी कुछ नहीं देता।
उसे फिर लालबत्ती में दिखायी कुछ नहीं देता।
इलाके का वो नेता है इलाके में नहीं आता,
उसे दिल्ली के आगे अब दिखायी कुछ नहीं देता।
ग़रीबों की मदद करता वो है धर्मात्मा लेकिन,
बिना चन्दा लिये कम्बल, रजाई कुछ नहीं देता।
वो भाई गाँव से लेकर चबैना शहर जाता है,
मगर जो है बड़ा साहब वो भाई कुछ नहीं देता।
ताज्जुब है कि उससे आपने उम्मीद कैसे की,
वो केवल जान लेता है कसार्इ कुछ नहीं देता।