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"मुझे साथ अपने जो ले चले मुझे उस जहाँ की तलाश है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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मुझे साथ अपने जो ले चले मुझे उस जहाँ की तलाश है | मुझे साथ अपने जो ले चले मुझे उस जहाँ की तलाश है | ||
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तेरा ये शहर भी अजीब है कि हवा भी है जहाँ क़ैद में | तेरा ये शहर भी अजीब है कि हवा भी है जहाँ क़ैद में |
15:46, 24 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
मुझे साथ अपने जो ले चले मुझे उस जहाँ की तलाश है
नयी कोंपलों को जो जन्म दे मुझे उस खिजाँ की तलाश है।
तेरा ये शहर भी अजीब है कि हवा भी है जहाँ क़ैद में
मेरा दिल यहाँ पे लगे नहीं खुले आसमाँ की तलाश है।
मुझे हुस्न उसका पता न था, कभी प्यार का ये नशा न था
मेरा रोम - रोम है कह रहा मुझे जाने-जाँ की तलाश है।
जहाँ लोग थे और भीड़ थी वहाँ रास्ता आसान था
तन्हा भी है कोई जिंदगी मुझे कारवाँ की तलाश है।
जो बसा नहीं उसे क्या पता कि उजाड़ से भी लगाव हो
जो सता - सता के रूला रहा उसी मेहरबाँ की तलाश है।