भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"इज़्ज़तपुरम्-19 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:47, 28 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

और मुखर
हो गयी
वासना की
भाषा

घूरती
दूषित
दृष्टियों में
जमा हैं जैसे
रोशनी की जगह
हजारों मन
कीचड़

चींटी की
आँखों से
मन ही मन
नाप - जोख कर रहे
मनचले

खराब नीयत
के अश्लील
बाटों से