भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"इज़्ज़तपुरम्-62 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:18, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण

कोठे की मालकिन
तानाशाह अम्मीजान

कोठे की लौंडिया
जहरमोहरे के
जंगल में रास्ते का प्याऊ

स्वामिभक्ति की
पराकाष्ठा पर
दुम हिलाती है
कौरा के बल पर

चमड़ी है अपनी
दमड़ी नहीं

पेट में ईंधन
रिजर्व के ऊपर न उठे
कम खपत में गाड़ी
दूर तक चले
धुआँ फेंके / धमाके करे
धक्के पर चले
पर गेराज में न रुके
जब तक बाडी में
खड़खड़ाहट शेष है