भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इज़्ज़तपुरम्-81 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:35, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
अँधेरे की दुनिया
उजाले में
फिर निखरी
दिन निकला
बदल गयीं
कैसे रोशनाइयॉ
प्रेस कपड़े
फ्रेश चेहरे
चैम्बर में फिर साहब
सिर पर सवार
फिर धुली टोपी