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"इज़्ज़तपुरम्-84 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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करते हैं लहूलुहान
 
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भीतर तक आत्मा को
 
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फिर

17:37, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण

नेफा के नीचे
अब सोख्ता कहाँ?
‘वाटरपै’ है

मर्म पर
कसे गये फिकरे
करते हैं लहूलुहान
भीतर तक आत्मा को

फिर
टूटे हुए तारे
हवा में तैंरें
कि पानी में बुतें
फर्क क्या?