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21:25, 8 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
सानो मान्छेका निम्ति
बाँच्नु जत्तिकै जगजगी छ
सपना देख्नु ।
ऐँठन बेहोर्नु जत्तिकै अप्ठ्यारो छ
प्रेम गर्नु ।
सून जत्तिकै महंगा्े छ
अक्कासलाई आँखामा उतार्नु
मनलाई नेटो पारी लैजानु ।
ए मेरा सपनाहरु !
ऐलेलाई मलाई क्षमा गर
म तिमीहरुलाई पाल्न सक्दिनँ
नींदका डीलहरुमा ।
बरु गएर बस
कुनै खाइलाग्दाका आँखामा
जसले तिमीहरुलाई स्याहार्न सक्छ ।