भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ग़ुलाम देश से आई एक गोपनीय रपट / निज़ार क़ब्बानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
}}
 
}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 +
[[Category:अरबी भाषा]]
 
<poem>
 
<poem>
 
साथियो !
 
साथियो !

17:16, 11 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

साथियो !
क्या है कविता ग़र नहीं करती यह एलान बगावत का ?
ग़र उखाड़ नहीं फेंकती यह निरंकुश सत्ता को ?
क्या है कविता ग़र यह नहीं भड़काती ज्वालामुखियों को वहाँ
जहाँ हमें उनकी ज़रूरत है ?
और क्या मतलब है कविता का आख़िर
ग़र यह नोच नहीं लेती दुनिया के ताक़तवर बादशाहों के सर से ताज ?

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल