भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अनंत भाषा / पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूनम अरोड़ा 'श्री श्री' |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
08:14, 15 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
अगर प्रेम एक दरख़्त है
अपनी काया में
तो मैं एक आग्रह पात्र हूँ
तुम्हारी नींद में निर्वाण के खलल का.
मुझे धीमे आवेग में पसंद है
मृत्यु की अनंत भाषा !