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"विश्लेषण / नील्स फर्लिन" के अवतरणों में अंतर

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17:50, 16 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

वह ईश्वर, जो रहता है ऊंचाई पर,
दिया उसने तुम्हें दुखी हृदय
और उसपर दे दी व्यग्र आँखें
--- अतः हैं चिंताएं सक्रीय!

तुम्हारी टूटन और तुम्हारा दर्द
कुछ बेहतर होते, मेरे भाई, मिलता तुमें अगर
कुछ और आकर्षक हृदय
और एक अधिक सार्वभौम नज़र.


(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)