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"वो खिड़की, खुली रखना / सुरेश चंद्रा" के अवतरणों में अंतर
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वो खिड़की, खुली रखना | वो खिड़की, खुली रखना | ||
− | जहाँ से आती हो, | + | जहाँ से आती हो, ताज़ी हवा |
थोड़ी सी चाँदनी और | थोड़ी सी चाँदनी और | ||
आ सके गर, एक पुरानी याद | आ सके गर, एक पुरानी याद | ||
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आधा क़तरा नमी मेरी | आधा क़तरा नमी मेरी | ||
− | किसी बेचैन सांस | + | किसी बेचैन सांस में |
सिसकी जो उग आए | सिसकी जो उग आए | ||
बहा लेना आँखों से, चंद मुस्कुराहटें | बहा लेना आँखों से, चंद मुस्कुराहटें | ||
− | खनक उनकी, भर लेना गुल्लक | + | खनक उनकी, भर लेना गुल्लक में |
− | एक दिन, | + | एक दिन, बेचैनी तोड़ कर |
− | नयी सी दुनिया खरीद लेना | + | नयी सी दुनिया खरीद लेना. |
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13:23, 20 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
वो खिड़की, खुली रखना
जहाँ से आती हो, ताज़ी हवा
थोड़ी सी चाँदनी और
आ सके गर, एक पुरानी याद
एक गमला सिरहाने रखना
बो देना कुछ धुंधली आहटें
आधा नाखून, तुम्हारी धूप
आधा क़तरा नमी मेरी
किसी बेचैन सांस में
सिसकी जो उग आए
बहा लेना आँखों से, चंद मुस्कुराहटें
खनक उनकी, भर लेना गुल्लक में
एक दिन, बेचैनी तोड़ कर
नयी सी दुनिया खरीद लेना.