भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जीवन / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश पाठक |अनुवादक= |संग्रह=मै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:03, 21 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

साँझ उपनिषद् है
दिन वेद
रात पुराण

सुबह पहला शब्द है
आदिगीत का
जीवन एक महाकाव्य है

काल और दिक् के पृष्ठों पर
फैला फैला
उपनिषद्, वेद, पुराण और गीतों में
व्यक्त अव्यक्त