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सुनो सजनीरात-बीते हम न होंगे तो हुआ क्या ये हमारे गीत तो होंगे पर सुबह होगी
फूल होने की कथा कोई पंछी हमने कही आम्रवन से तुम्हें टेरेगाउसे दुलराना जल रहा है यह दिया वह रहेगी जो द्वार पर नदी सिरजी नेह की वह भी बहेगी में इसको सिराना
हम न होंगे पाँव छूनाये हमारे गीत गाते घाट पर तुमको मिले मीत तो होंगे यदि कोई जोगी
चाँदनी की सेज होगी पुण्य वह या किहमको मिलेगा, सच तारों-भरी पूरी रात होगी धूप होंगे हम पीर भी ज़िंदा रहेगी हाँ, तुम्हारे पास ही होंगे जोकि हमने साथ भोगी जब तुम्हारी आँख होगी नम
हम न होंगे छुएँगे तुम्हें ये हवाओं के तुम हँसनामधुर संगीत वह छुवन तो होंगे बेवज़ह होगी
याद में डूबी-हुई बनोगी तुम भी मधुमास सुबह की साँसें रहेंगी ओस ऐसे ही वे हमारे संग की किसी दिन कल देह हम होंगे नहीं आकाश होंगे ऋतुराज-गाथाएँ कहेंगी या कि बहता जल
हम न होंगे और साँसेंपर हमारे स्वप्न ये मनचीत तो होंगेनहीं होंगी जो रहीं ता-उम्र हैं ढोंगी
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