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"तेरे द्वारे आऊँ माँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर
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तेरे द्वारे आऊँ माँ | तेरे द्वारे आऊँ माँ | ||
− | नितनित शीश नवाऊँ माँ | + | नितनित शीश नवाऊँ माँ |
− | + | ||
− | गुलदस्ते ग़ज़लों के | + | कुछ अपनी, कुछ जग बीती |
− | चरणों तक पहुँचाऊँ माँ | + | दुनिया को बतलाऊँ माँ |
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− | वाणी में बस जाना तुम | + | गुलदस्ते मैं ग़ज़लों के |
− | गीत, ग़ज़ल जब गाऊँ माँ | + | चरणों तक पहुँचाऊँ माँ |
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− | + | वाणी में बस जाना तुम | |
− | + | गीत, ग़ज़ल जब गाऊँ माँ | |
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− | मेरी अभिलाषा है ये | + | मेरी अभिलाषा है ये |
− | तेरा सुत कहलाऊँ माँ | + | तेरा सुत कहलाऊँ माँ |
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− | याद करे दुनिया जिससे | + | याद करे दुनिया जिससे |
− | + | ऐसा कुछ कह जाऊँ माँ | |
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− | लोग 'रक़ीब' समझते हैं | + | लोग 'रक़ीब' समझते हैं |
− | क्या उनको | + | क्या उनको समझाऊँ माँ |
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16:52, 30 अक्टूबर 2017 का अवतरण
तेरे द्वारे आऊँ माँ
नितनित शीश नवाऊँ माँ
कुछ अपनी, कुछ जग बीती
दुनिया को बतलाऊँ माँ
गुलदस्ते मैं ग़ज़लों के
चरणों तक पहुँचाऊँ माँ
वाणी में बस जाना तुम
गीत, ग़ज़ल जब गाऊँ माँ
मेरी अभिलाषा है ये
तेरा सुत कहलाऊँ माँ
याद करे दुनिया जिससे
ऐसा कुछ कह जाऊँ माँ
लोग 'रक़ीब' समझते हैं
क्या उनको समझाऊँ माँ