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"जनतंत्र / बिंदु कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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आय भौरैं-भोरैं
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झारखण्ड मेॅ जनतंत्र
जबें सेॅ हमरोॅ शहर रोॅ नैतिकता
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एक एहिनोॅ तमाशा छै
रूसी केॅ चल्लोॅ गेलै
+
बिकै झिलेबी-बताशा छै
आपनोॅ कपड़ा गहना जेबर छोड़ी केॅ
+
जेकरोॅ जान-
आय सुरूज बढ़तै
+
मदारी के भाषा छै।
जबेॅ हमरोॅ आईना
+
मतुर कि हम्मेॅ जानै छियै
आपनोॅ साथें
+
हमरोॅ राज्य रोॅ समाजवाद
हमरोॅ चेहरा भी लै जाय चुकलोॅ छै। आरो-
+
माल गोदाम मेॅ लटकलौ होलोॅ
खैबोॅ-पीवोॅ
+
ऊ बाल्टि जुंगा छै
हाँसबोॅ-कानबोॅ
+
जेकरा पेॅ आग लिखलोॅ रहै छै
साथें-साथ
+
आरो होकरा मेॅ पानी, बालू भरलोॅ रहै छै।
जीवोॅ-मरबोॅ
+
झारखण्ड रोॅ विधान सभा
सब्भेॅ बिसरी गेलोॅ छै
+
तेल रोॅ ऊ घानी छेकै
तहियाँ सेॅ हम्मेॅ लाचार होय केॅ
+
जेकरा मेॅ आधोॅ तेल छै
आपनोॅ बचलोॅ लहू सेॅ-
+
आरो आधोॅ पानी छै।
लिखी केॅ एक पटिया
+
नेतां सीनी मनाबै छै
होकरा गल्ला मेॅ टांगी देलेॅ छियै-कि
+
गाँधी जी रोॅ बरस गॉव
हमरोॅ ई शहर-
+
सब दल रोॅ नेतासीनी
किराया पर लागी जाय।
+
करै छै साँठ-गाँठ
 +
गाँधीजी सेॅ के छै बढ़लोॅ
 +
एक मिनट के राखोॅ मौन।
 
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17:48, 2 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

झारखण्ड मेॅ जनतंत्र
एक एहिनोॅ तमाशा छै
बिकै झिलेबी-बताशा छै
जेकरोॅ जान-
मदारी के भाषा छै।
मतुर कि हम्मेॅ जानै छियै
हमरोॅ राज्य रोॅ समाजवाद
माल गोदाम मेॅ लटकलौ होलोॅ
ऊ बाल्टि जुंगा छै
जेकरा पेॅ आग लिखलोॅ रहै छै
आरो होकरा मेॅ पानी, बालू भरलोॅ रहै छै।
झारखण्ड रोॅ विधान सभा
तेल रोॅ ऊ घानी छेकै
जेकरा मेॅ आधोॅ तेल छै
आरो आधोॅ पानी छै।
नेतां सीनी मनाबै छै
गाँधी जी रोॅ बरस गॉव
सब दल रोॅ नेतासीनी
करै छै साँठ-गाँठ
गाँधीजी सेॅ के छै बढ़लोॅ
एक मिनट के राखोॅ मौन।