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"प्रिय लिली को / व्लदीमिर मयकोव्स्की" के अवतरणों में अंतर

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निगल डाली है हवा तम्बाकू के धुएँ ने ।
 
निगल डाली है हवा तम्बाकू के धुएँ ने ।
और कमरा हो गया है जैसे क्रुचोनिख के 'नर्क' का अध्‍याय
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और कमरा हो गया है जैसे क्रुचोनिख के 'नर्क' का अध्याय
याद करो --
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याद करो
 
जब पहली बार
 
जब पहली बार
 
इन खिड़कियों के पीछे
 
इन खिड़कियों के पीछे
तुम्‍हारे उत्‍तेजित हाथ सहलाए थे मैंने ।
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तुम्हारे उत्तेजित हाथ सहलाए थे मैंने।
 
आज बैठी हो
 
आज बैठी हो
लोहे का-सा हृदय लिए ।
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लोहे का-सा हृदय लिए।
 
सम्भव है एक और दिन
 
सम्भव है एक और दिन
फेंक दोगी बाहर गालियाँ बकते हुए ।
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फेंक दोगी बाहर ग़ालियाँ बकते हुए।
 
धुआँ भरे कमरे में देर तक
 
धुआँ भरे कमरे में देर तक
आस्‍तीनों में समा नहीं पाएगा काँपता हाथ ।
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आस्तीनों में समा नहीं पाएगा काँपता हाथ।
 
भाग जाऊँगा
 
भाग जाऊँगा
बाहर फेंक दूँगा शरीर ।
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बाहर फेंक दूँगा शरीर।
 
पाशविक
 
पाशविक
 
निराशाओं का काटा हुआ
 
निराशाओं का काटा हुआ
पागल हो जाऊँगा मैं ।
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पागल हो जाऊँगा मैं।
 
कोई नहीं इसकी ज़रूरत
 
कोई नहीं इसकी ज़रूरत
 
मेरी प्रिये,
 
मेरी प्रिये,
 
आओ कर दें क्षमा हम एक दूसरे को ।
 
आओ कर दें क्षमा हम एक दूसरे को ।
यों विकल्‍प नहीं कोई दूसरा --
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यों विकल्प नहीं कोई दूसरा
 
भारी वज़न-सा मेरा प्रेम
 
भारी वज़न-सा मेरा प्रेम
 
लटका रहेगा तुम पर
 
लटका रहेगा तुम पर
जिधर भी चाहो भागना ।
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जिधर भी चाहो भागना।
 
अन्तिम चीख़ तक निकालने दो मुझे
 
अन्तिम चीख़ तक निकालने दो मुझे
 
अपमानित शिकायतों की आग ।
 
अपमानित शिकायतों की आग ।
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बैल के लिए जुते रहना
 
बैल के लिए जुते रहना
 
वह भाग जाता है
 
वह भाग जाता है
और टाँगें पसार कर लेट जाता है पानी में ।
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और टाँगें पसार कर लेट जाता है पानी में।
तुम्‍हारे प्‍यार के सिवा
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तुम्हारे प्यार के सिवा
 
कोई और समुद्र नहीं है मेरे लिए,
 
कोई और समुद्र नहीं है मेरे लिए,
और तुम्‍हारा प्‍यार है
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और तुम्हारा प्यार है
 
कि रोने पर भी
 
कि रोने पर भी
 
नहीं देता थोड़ा-सा आराम ।
 
नहीं देता थोड़ा-सा आराम ।
 
जब आराम करना चाहता है थका हाथी
 
जब आराम करना चाहता है थका हाथी
 
शाही ठाठ से लेट जाता है वह गर्म रेत पर ।
 
शाही ठाठ से लेट जाता है वह गर्म रेत पर ।
तुम्‍हारे प्‍यार के सिवा
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तुम्हारे प्यार के सिवा
 
कहीं नहीं है मेरे लिए धूप,
 
कहीं नहीं है मेरे लिए धूप,
 
मालूम नहीं मुझे, तुम कहाँ हो और किसके साथ ?
 
मालूम नहीं मुझे, तुम कहाँ हो और किसके साथ ?
यदि प्रेयसी ने इसी तरह दी होती यंत्रणा कवि को
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यदि प्रेयसी ने इसी तरह दी होती यन्त्रणा कवि को
वह उसक बजाय स्‍वीकार करता ख्‍याति और धन,
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वह उसक बजाय स्कावी करता ख्याति और धन,
 
पर मेरे लिए
 
पर मेरे लिए
 
एक भी गूँज नहीं है मधुर
 
एक भी गूँज नहीं है मधुर
तुम्‍हारे प्रिय नाम की गूँज के सिवा ।
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तुम्हारे प्रिय नाम की गूँज के सिवा ।
आत्‍महत्‍या नहीं करूँगा मैं खाई में कूद कर,
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आत्महत्या नहीं करूँगा मैं खाई में कूद कर,
 
न ही पिऊँगा कोई ज़हर
 
न ही पिऊँगा कोई ज़हर
 
और न ही दबा सकूँगा बन्दूक का घोड़ा ।
 
और न ही दबा सकूँगा बन्दूक का घोड़ा ।
 
मेरे ऊपर
 
मेरे ऊपर
तुम्‍हारी नज़र के सिवा
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तुम्हारी नज़र के सिवा
 
वश नहीं तेज़ से भी तेज़ खंजर का ।
 
वश नहीं तेज़ से भी तेज़ खंजर का ।
  
 
कल तक भूल जाओगी तुम
 
कल तक भूल जाओगी तुम
मैंने ही तो किया था तुम्‍हारा राज्‍याभिषेक,
+
मैंने ही तो किया था तुम्हारा राज़्याभिषेक,
कि जला डाला प्‍यार से खिलता हुआ हृदय,
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कि जला डाला प्यार से खिलता हुआ हृदय,
और रिक्‍त दिनों का यह उत्‍सव
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और रिक्त दिनों का यह उत्सव
पन्‍ने बिखेर देता है मेरी पुस्‍तकों के
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पन्ने बिखेर देता है मेरी पुस्तकों के
क्‍या सूखे पन्ने
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क्या सूखे पन्ने
 
ठीक से साँस लेने न देंगे
 
ठीक से साँस लेने न देंगे
मेरे शब्‍दों को ?
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मेरे शब्दों को ?
 
और नहीं
 
और नहीं
 
इतना करने की इजाज़त तो दो
 
इतना करने की इजाज़त तो दो
 
कि बिछा सकूँ मैं अपनी शेष बची कोमलता
 
कि बिछा सकूँ मैं अपनी शेष बची कोमलता
प्रस्‍थान के लिए उठे तुम्‍हारे पाँवों के नीचे !
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प्रस्थान के लिए उठे तुम्हारे पाँवों के नीचे !
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'''मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह'''
 
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20:18, 10 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

चिट्ठी के बदले

निगल डाली है हवा तम्बाकू के धुएँ ने ।
और कमरा हो गया है जैसे क्रुचोनिख के 'नर्क' का अध्याय ।
याद करो —
जब पहली बार
इन खिड़कियों के पीछे
तुम्हारे उत्तेजित हाथ सहलाए थे मैंने।
आज बैठी हो
लोहे का-सा हृदय लिए।
सम्भव है एक और दिन
फेंक दोगी बाहर ग़ालियाँ बकते हुए।
धुआँ भरे कमरे में देर तक
आस्तीनों में समा नहीं पाएगा काँपता हाथ।
भाग जाऊँगा
बाहर फेंक दूँगा शरीर।
पाशविक
निराशाओं का काटा हुआ
पागल हो जाऊँगा मैं।
कोई नहीं इसकी ज़रूरत
मेरी प्रिये,
आओ कर दें क्षमा हम एक दूसरे को ।
यों विकल्प नहीं कोई दूसरा —
भारी वज़न-सा मेरा प्रेम
लटका रहेगा तुम पर
जिधर भी चाहो भागना।
अन्तिम चीख़ तक निकालने दो मुझे
अपमानित शिकायतों की आग ।
जब कठिन हो जाता है
बैल के लिए जुते रहना
वह भाग जाता है
और टाँगें पसार कर लेट जाता है पानी में।
तुम्हारे प्यार के सिवा
कोई और समुद्र नहीं है मेरे लिए,
और तुम्हारा प्यार है
कि रोने पर भी
नहीं देता थोड़ा-सा आराम ।
जब आराम करना चाहता है थका हाथी
शाही ठाठ से लेट जाता है वह गर्म रेत पर ।
तुम्हारे प्यार के सिवा
कहीं नहीं है मेरे लिए धूप,
मालूम नहीं मुझे, तुम कहाँ हो और किसके साथ ?
यदि प्रेयसी ने इसी तरह दी होती यन्त्रणा कवि को
वह उसक बजाय स्कावी करता ख्याति और धन,
पर मेरे लिए
एक भी गूँज नहीं है मधुर
तुम्हारे प्रिय नाम की गूँज के सिवा ।
आत्महत्या नहीं करूँगा मैं खाई में कूद कर,
न ही पिऊँगा कोई ज़हर
और न ही दबा सकूँगा बन्दूक का घोड़ा ।
मेरे ऊपर
तुम्हारी नज़र के सिवा
वश नहीं तेज़ से भी तेज़ खंजर का ।

कल तक भूल जाओगी तुम
मैंने ही तो किया था तुम्हारा राज़्याभिषेक,
कि जला डाला प्यार से खिलता हुआ हृदय,
और रिक्त दिनों का यह उत्सव
पन्ने बिखेर देता है मेरी पुस्तकों के
क्या सूखे पन्ने
ठीक से साँस लेने न देंगे
मेरे शब्दों को ?
और नहीं
इतना करने की इजाज़त तो दो
कि बिछा सकूँ मैं अपनी शेष बची कोमलता
प्रस्थान के लिए उठे तुम्हारे पाँवों के नीचे !

मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह