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"महाराज / कैलाश पण्डा" के अवतरणों में अंतर

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तेरे महाराज
मेरे महाराज
उनके इनके अपने देखों
छोटे-बड़े कितने महाराज
उपाधि होती
सिंहासन भी होता
आय व्यय
लेखा-जोखा
संग्रह की व्यवस्था
तेरा पंथ-मेरा पंथ
सबके अपन-अपने वंश
गुरू चेले
अहं में पलते
दुनिया जैसी
वैसे महाराज।