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+ | आज ये आँखें | ||
+ | देखती रही राह तुम्हारी | ||
+ | पलकें मूँदकर डूबी रही सपनों में तुम्हारे | ||
+ | आज मेरे ये कान | ||
+ | तरस गए आहट तुम्हारी सुनने को | ||
+ | मीठी हँसी मीठे बोल तुम्हारे सुनने को | ||
+ | आज मेरा ये तन | ||
+ | अतृप्त सा तड़प गया | ||
+ | स्पर्श तुम्हारा पाने को | ||
+ | आज का ये दिन | ||
+ | सूना-सूना कार्तिक की लम्बी रात सा | ||
+ | जेठ की गर्मी और भादों की बरसात सा | ||
+ | आज ये मन | ||
+ | हो गया कितना विकल दूरी से तुम्हारी | ||
+ | तरसा कितना खातिर तुम्हारी | ||
+ | धोखा देकर छोड़ गया मेरा साथ | ||
+ | और साथ तुम्हारे हो गया | ||
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19:10, 12 फ़रवरी 2018 का अवतरण
आज ये मन
आज ये आँखें
देखती रही राह तुम्हारी
पलकें मूँदकर डूबी रही सपनों में तुम्हारे
आज मेरे ये कान
तरस गए आहट तुम्हारी सुनने को
मीठी हँसी मीठे बोल तुम्हारे सुनने को
आज मेरा ये तन
अतृप्त सा तड़प गया
स्पर्श तुम्हारा पाने को
आज का ये दिन
सूना-सूना कार्तिक की लम्बी रात सा
जेठ की गर्मी और भादों की बरसात सा
आज ये मन
हो गया कितना विकल दूरी से तुम्हारी
तरसा कितना खातिर तुम्हारी
धोखा देकर छोड़ गया मेरा साथ
और साथ तुम्हारे हो गया