"आज जाने की ज़िद न करो / फ़ैयाज़ हाशमी" के अवतरणों में अंतर
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ऐसी बातें किया न करो | ऐसी बातें किया न करो | ||
आज जाने की ज़िद न करो | आज जाने की ज़िद न करो | ||
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तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ न रोकें तुम्हें | तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ न रोकें तुम्हें | ||
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम | जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम | ||
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यूँ ही पहलू में बैठे रहो | यूँ ही पहलू में बैठे रहो | ||
आज जाने की ज़िद न करो | आज जाने की ज़िद न करो | ||
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वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर | वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर | ||
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं | चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं | ||
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उम्र-भर ना तरसते रहो | उम्र-भर ना तरसते रहो | ||
आज जाने की ज़िद न करो | आज जाने की ज़िद न करो | ||
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कितना मासूम रंगीन है ये समाँ | कितना मासूम रंगीन है ये समाँ | ||
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है | हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है |
11:53, 16 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो
हाए मर जाएँगे, हम तो लुट जाएँगे
ऐसी बातें किया न करो
आज जाने की ज़िद न करो
तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ न रोकें तुम्हें
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुम को अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मिरी मान लो
आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इन को खो कर मिरी जान-ए-जाँ
उम्र-भर ना तरसते रहो
आज जाने की ज़िद न करो
कितना मासूम रंगीन है ये समाँ
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है
कल की किस को ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की ज़िद न करो
यूँही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो ।