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बदल रहा है गाँव हमारा
जबसे मॉल खुला है तबसेझाल-चाट को छोड़ सभी अब
पिजा-बरगर लगे हैं खाने
धीरे-धीरे बंद हो रही झाल-चाट लोकगीत की सभी दुकानें धुन बिसराईलगे गूँजने फिल्मी गाने
सेंडिल, बूट पहनने वाला
हुआ आधुनिक पाँव हमारा
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