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"मनखि रे / ओम बधानी" के अवतरणों में अंतर

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खिस्सा उन त कपडा़ कि सिलीं थैलकि होंदु
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मनखि रे तेरा मन की
पर यैकि महिमा अपार छ
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नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन
अर यैकि दासि सारि पिरथि छ
+
 
किलै कि मनखि न सारि पिरथि अपड़ा बस करीं छ अर
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खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा
मनखि यैका बस म छ
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आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन
यु खालि त मनखि दुखि
+
मनखि रे तेरा मन की
अर यु भर्यूं त मनखि मस्त मगन
+
नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन
मनखि कि इज्जत परमत यैका हि हाथ छ
+
 
भर्यूं खिस्सा आवा जी
+
अपड़ा दुख म दुखि हो न हो,हैंका क सुख देखि असुखि मन
खालि खिस्सा जावा जी
+
जैन हंसाई तु , उ रूवाई त्वैन पिताई त्वैन
यु पूरू त कभि नि भरेंदु पर
+
मनखि रे तेरा मन की
जरा सि भर्यै जौ त
+
नि जाणि कैन , नि पछाणि कैन
बजदु छ अर गुब्बारू सि फुलि भि जांदु
+
 
अर मनखि ह्वै जांदु पर्य मति कु
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स्वारथ लालच क बथौं म उड़िगे नातु,गैलु, भै-भयात
जनि खिस्सा भरेंदु मनखि कि घिच्ची खतेण लग जांदि
+
धन माया भगवान, बणाई त्वैन चिताई त्वैन
आंखि चमळाण लग जांदि
+
मनखि रे तेरा मन की
जोंक कबळाण लग जांदि
+
नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन।
अर काया बबळाण लग जांदि
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इनु नौ छम्मी छ यु खिस्सा।
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19:52, 10 मार्च 2018 के समय का अवतरण

मनखि रे तेरा मन की
नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन

खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा
आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन
मनखि रे तेरा मन की
नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन

अपड़ा दुख म दुखि हो न हो,हैंका क सुख देखि असुखि मन
जैन हंसाई तु , उ रूवाई त्वैन पिताई त्वैन
मनखि रे तेरा मन की
नि जाणि कैन , नि पछाणि कैन

स्वारथ लालच क बथौं म उड़िगे नातु,गैलु, भै-भयात
धन माया भगवान, बणाई त्वैन चिताई त्वैन
मनखि रे तेरा मन की
नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन।