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"मनोविनोदिनी-3 / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर
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संवाद तो
होता ही रहता है उससे
पर कुछ कहना रह जाता है बाकी
सो उसका नाम
पुकारना चाहता हूं
जोर जोर से
उससे यह सब कहूं
तो वह कहेगी
पागल
फिर खुश होउंगा मैं बेइंतहां
तब
कहेगी वह
सुधर जाइए अब भी
अच्छा नहीं यह।