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"मध्ययुगीन वस्तीहरु / विमल गुरुङ" के अवतरणों में अंतर

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14:21, 27 मार्च 2018 के समय का अवतरण


आजकल टाउकामा
सरदरको तलुवा झुण्डाएका
मध्ययुगीन वस्तिहरु
पर्दाहरु उठाएर

वर्तमानहरु उचालेर बोलेको सुन्छु
खिचडीबाट बन्दीहरु समेत
सुन्न सक्छन्
भोकका अबोध भाषाहरु
भोक लाग्यो रोटी !!