भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लाज / ॠतुप्रिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:38, 3 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
पाग
मिनख री लाज हुवै
मूँछ
मिनख री लाज हुवै
अर लुगायां रौ
गैणौ हुवै लाज
अबै लोग नां पाग पैरै
नां मूँछ्यां राखै
अर लुगायां
नीं पैरै गैणौ
सोचूं
कै कठै सूं आयसी
लाज।