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भांत भांत रै
रंगां स्यूं लड़ालूम
अे तितली
तन्नै देख’र
म्हे होवां दंग
थूं कठै स्यूं ल्यावै
अै इत्ता फूटरा रंग
थूं
सौवणां सौवणां
फूलां माथै
चुपचाप मंडरावै
अर प्रकृति में
सांतरौ बधेपौ करावै।