भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"थूं अर म्हूं-अेक / ॠतुप्रिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:47, 3 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

थूं
सूरज
थिर है
आपरी जिग्यां
आपरी रीसां में
बळतौ-बाळतौ

अर म्हूं
धरा
जकी
चक्करघिन्नी दाईं
रैवूं
घूमती-रिझांवती
थारै च्यारूंचफेर।