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"अगर चंदन के तरु पर घोसला रखना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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22:46, 4 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

अगर चंदन के तरु पर घोसला रखना।
तो जड़ के पास भूरा नेवला रखना।

न जिससे प्रेम हो तुमको, सदा उससे,
ज़रा सा ही सही पर फासला रखना।

बचा लाया वतन को रंगभेदों से,
ख़ुदा अपना हमेशा साँवला रखना।

नचाना विश्व हो गर ताल पर इनकी,
विचारों को हमेशा खोखला रखना।

अगर पर्वत पे चढ़ना चाहते हो तुम,
सदा पर्वत से ऊँचा हौसला रखना।