भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मुगती अजै अणूती अळघी / मोनिका गौड़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोनिका गौड़ |अनुवादक= |संग्रह=अं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
{{KKCatRajasthaniRachna}} | {{KKCatRajasthaniRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | मुगत हूं म्हैं | |
− | + | मिल रैयी है आजादी | |
− | + | मनचायो करण री | |
− | + | भाखफाटै निसरूं | |
− | + | अधरातै बावड़ूं | |
− | + | नीं उठै आंगळ्यां | |
− | + | नीं आखड़ूं सवालां रै भाटा सूं | |
− | + | पैरूं मरजी रा गाभा | |
− | + | लाली लिपिस्टिक लगा’र | |
− | + | उडावूं हांसी रा भतूळिया | |
− | + | फर्राटै चलावूं कार | |
− | + | काळो चस्मो पैर्यां | |
− | + | घाणी रै बाळदियै री | |
− | + | गत बिसरा’र मनाऊं | |
− | + | स्त्री आजादी रो जसन | |
− | + | मानूं अैसान | |
− | + | मरदां रो | |
− | + | कै थे दीवी म्हनैं स्वतंत्रता | |
− | + | कळदारां पेटै | |
− | + | बिसराय दियो | |
− | + | म्हैं म्हारौ हूवणो | |
− | + | मुगती रो झुणझुणियो बजावती | |
− | + | भुंइजती फिरूं | |
− | + | कूड़-फरेब री | |
− | + | रास सूं बंध्योड़ी | |
− | + | लुळ-लुळ करूं सिलाम | |
− | + | थारै ई सबदां में | |
− | + | कै थे बख्सी म्हनैं | |
− | + | देह री आजादी | |
+ | पण | ||
+ | चेतना अजै पड़ी अडाणै | ||
+ | मुगती अजै अणूती अळघी...। | ||
</poem> | </poem> |
19:01, 8 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
मुगत हूं म्हैं
मिल रैयी है आजादी
मनचायो करण री
भाखफाटै निसरूं
अधरातै बावड़ूं
नीं उठै आंगळ्यां
नीं आखड़ूं सवालां रै भाटा सूं
पैरूं मरजी रा गाभा
लाली लिपिस्टिक लगा’र
उडावूं हांसी रा भतूळिया
फर्राटै चलावूं कार
काळो चस्मो पैर्यां
घाणी रै बाळदियै री
गत बिसरा’र मनाऊं
स्त्री आजादी रो जसन
मानूं अैसान
मरदां रो
कै थे दीवी म्हनैं स्वतंत्रता
कळदारां पेटै
बिसराय दियो
म्हैं म्हारौ हूवणो
मुगती रो झुणझुणियो बजावती
भुंइजती फिरूं
कूड़-फरेब री
रास सूं बंध्योड़ी
लुळ-लुळ करूं सिलाम
थारै ई सबदां में
कै थे बख्सी म्हनैं
देह री आजादी
पण
चेतना अजै पड़ी अडाणै
मुगती अजै अणूती अळघी...।