भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मंजिल / कल्पना सिंह-चिटनिस" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कल्पना सिंह-चिटनिस |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
09:22, 29 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
सफर ही रहे
मंजिल न मुझको भाती है,
सफर की तपिश
मंजिल की राहतों से बेहतर है।