भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"संकट / लैंग्स्टन ह्यूज़ / यादवेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=यादवे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
तो अपनी बद-दुआएँ वापिस लेता हूँ।
 
तो अपनी बद-दुआएँ वापिस लेता हूँ।
  
              अगर मैंने कभी अपनी बूढ़ी माँ को कोसा हो
+
          अगर मैंने कभी अपनी बूढ़ी माँ को कोसा हो
              और चाह हो कि वह नरक में जाए
+
          और चाह हो कि वह नरक में जाए
              तो मैं उस दुर्भावना के लिए शर्मिन्दा हूँ
+
          तो मैं उस दुर्भावना के लिए शर्मिन्दा हूँ
              और अब उसका भला चाहता हूँ।
+
          और अब उसका भला चाहता हूँ।
  
 
मेरा बूढ़ा बाप एक आलीशान महल में मरा
 
मेरा बूढ़ा बाप एक आलीशान महल में मरा

15:28, 18 मई 2018 के समय का अवतरण

मेरा बूढ़ा बाप गोरा था
और मेरी बूढ़ी माँ काली
अगर मैंने कभी अपने गोरे पिता को कोसा हो
तो अपनी बद-दुआएँ वापिस लेता हूँ।

           अगर मैंने कभी अपनी बूढ़ी माँ को कोसा हो
           और चाह हो कि वह नरक में जाए
           तो मैं उस दुर्भावना के लिए शर्मिन्दा हूँ
           और अब उसका भला चाहता हूँ।

मेरा बूढ़ा बाप एक आलीशान महल में मरा
और मेरी माँ एक मड़ई में
समझ नहीं पाता कि मैं कहाँ मरूँगा
क्योंकि न तो मैं गोरा हूँ और न काला।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र