"लुकमान अली-3 / सौमित्र मोहन" के अवतरणों में अंतर
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वह जानता है कि चुनाव | वह जानता है कि चुनाव | ||
लोगों की राय का प्रतीक नहीं, धन और धमकी का अंगारा है | लोगों की राय का प्रतीक नहीं, धन और धमकी का अंगारा है | ||
− | जिसे लोग | + | जिसे लोग अपने कपड़ों में छिपाए पानी |
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फ्रिज में बैठकर शास्त्रों का पाठ करेगा। | फ्रिज में बैठकर शास्त्रों का पाठ करेगा। | ||
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वह उनकी धोतियों के नीचे उभार को देखकर नशा करने लगता है। | वह उनकी धोतियों के नीचे उभार को देखकर नशा करने लगता है। | ||
वह बचपन के शहर और युवकों की संस्था के उस लौन्डे की याद करने | वह बचपन के शहर और युवकों की संस्था के उस लौन्डे की याद करने |
18:20, 24 मई 2018 के समय का अवतरण
लुकमान अली के लिए स्वतंत्रता उसके कद से केवल तीन इंच बड़ी है ।
वह बनियान की जगह तिरंगा पहनकर कलाबाज़ियाँ खाता है ।
वह चाहता है कि पाँचवें आम चुनाव में बौनों का प्रतिनिधित्व करे ।
उन्हें टॉफियां बाँटें ।
जाति और भाषा की कसमें खिलाए ।
अपने पाजामे फाड़कर सबके चूतड़ों पर पैबंद लगाए । वह गधे की
सवारी करेगा ।
अपने गुप्तचरों के साथ सारी
प्रजा पर हमला बोल देगा ।
वह जानता है कि चुनाव
लोगों की राय का प्रतीक नहीं, धन और धमकी का अंगारा है
जिसे लोग अपने कपड़ों में छिपाए पानी
के लिए दौड़ते रहते हैं ।
वह आज
नहीं तो कल
नहीं तो परसों
नहीं तो किसी दिन
फ्रिज में बैठकर शास्त्रों का पाठ करेगा।
रामलीला से उसे उतनी चिढ़ नहीं है जितनी
पुरुषों द्वारा स्त्रियों के अभिनय से।
वह उनकी धोतियों के नीचे उभार को देखकर नशा करने लगता है।
वह बचपन के शहर और युवकों की संस्था के उस लौन्डे की याद करने
लगता है। वह अपने स्केट पाँवों में बाँध लेता है।
प्रेमिका के बाल जूतों में रख लेता है। वह अपने बौनेपन में लीन
हो जाता है।
वह तब पकड़ में नहीं आता क्योंकि वह पेड़ नहीं है।
वह पेड़ नहीं है इसलिए लंबा नहीं है।
वह लुकमान अली है : वह लुकमान अली नहीं है।