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"कहते हैं, तारे गाते हैं / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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कहते हैं, तारें गाते हैं! | कहते हैं, तारें गाते हैं! |
03:00, 16 जुलाई 2008 का अवतरण
कहते हैं, तारें गाते हैं!
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का यह राग नहीं हम सुन पाते हैं!
कहते हैं, तारें गाते हैं!
स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथ्वी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों में तारों के नीरव आँसू आते हैं!
कहते हैं, तारें गाते हैं!
ऊपर देव, तले मानवगण,
नभ में दोनों, गायन-रोदन,
राग सदा ऊपर को उठता, आँसू सदा नीचे झर जाते हैं!
कहते हैं, तारें गाते हैं!