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"हमारा मक़सद अगर सफ़र है तवील करना / राज़िक़ अंसारी" के अवतरणों में अंतर
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18:40, 20 जून 2018 के समय का अवतरण
हमारा मक़सद अगर सफ़र है तवील करना
शुमार ऐसे में किस लिए संगे मील करना
अगर मोहब्बत के केस में हो हमारी पेशी
हमारी मानो तो अपने दिल को वकील करना
हमारे घर में जिधर से नफ़रत का दाख़िला है
बहुत ज़रूरी है ऐसे रस्तों को सील करना
दिलों के रिश्तों को एक साज़िश का नाम दे कर
है उनका मक़सद मोहब्बतों को ज़लील करना
हमें पता है तुम्हें जो ये सब सिखा रहा है
अगर सुनो सच तो पेश झूटी दलील करना