भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"साजन छोड़ शराब / मानसिंह राठौड़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मानसिंह राठौड़ |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:33, 25 जून 2018 के समय का अवतरण
सुणले म्हारा सायबा,डुळतो मनड़ो ढाब ।
बोतल आगी बाळ ने,साजन छोड़ शराब ।।1।।
कहणो म्हारो मानले,जहर है ओ जनाब ।
मत पी तू ओ मोद सूं,साजन छोड़ शराब।।2।।
मिनखां जावै माजनों,ज'ण्या पूछे जवाब।
इज्जत अपणी कारणे,साजन छोड़ शराब।।3।।
मूंडो थारो मोवणो,मुळके ज्यूँ महताब।
शरीर राखण सांतरो,साजन छोड़ शराब।।4।।
इमरत भोजन आपनै,सबरस वाळी राब।
दूध पीयो थे दुगणो,साजन छोड़ शराब।।5।।