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"ओट हाथ की / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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तुम न होते | तुम न होते | ||
− | बुझ जाता दीपक | + | बुझ जाता दीपक, |
सींच नेह से | सींच नेह से | ||
जला दिया तुमने | जला दिया तुमने | ||
चौराहे पर | चौराहे पर | ||
− | ओट हाथ की दे दी | + | '''ओट हाथ की दे दी''' |
आँधी को रोका | आँधी को रोका | ||
फूत्कार-भय त्यागा | फूत्कार-भय त्यागा | ||
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बिना तुम्हारे | बिना तुम्हारे | ||
हम जी पाते कैसे | हम जी पाते कैसे | ||
− | बिना सहारे | + | बिना सहारे |
दंशित नस -नस | दंशित नस -नस | ||
काल सामने | काल सामने | ||
− | तुमने मन्त्र पढ़े | + | '''तुमने मन्त्र पढ़े |
− | विष सदा उतारा | + | विष सदा उतारा''' |
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02:56, 30 जून 2018 के समय का अवतरण
तुम न होते
बुझ जाता दीपक,
सींच नेह से
जला दिया तुमने
चौराहे पर
ओट हाथ की दे दी
आँधी को रोका
फूत्कार-भय त्यागा
नागों को नाथा ।
यह कैसे हो पाता
बिना तुम्हारे
हम जी पाते कैसे
बिना सहारे
दंशित नस -नस
काल सामने
तुमने मन्त्र पढ़े
विष सदा उतारा
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