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कविता कोश के बारह वर्ष

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कविता कोश ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2018 में भागीदारी करते हुए एक स्टॉल स्थापित किया। इस स्टॉल पर कैलेण्डर और गीत संकलन उपलब्ध रहे। यह स्टॉल कविता कोश के बारे में लोगों को जानकारी देने का एक उत्तम साधन सिद्ध हुआ।
====="'''चाँद का मुँह टेढ़ा है"====='''
कविता कोश ने विश्व पुस्तक मेले में 7 जनवरी को 4:15 बजे मुक्तिबोध के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक चर्चा आयोजित की। इस चर्चा में [[लीलाधर मंडलोई|लीलाधर मंडलोई जी]], [[मदन कश्यप|मदन कश्यप जी]], [[सुमन केशरी|सुमन केशरी जी]] और [[अशोक कुमार पाण्डेय|अशोक कुमार पाण्डेय जी]] ने भाग लिया। चर्चा का संचालन सईद अय्यूब ने किया।
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====='''कविता कोश लोकरंग====='''
कविता कोश सभी भाषाओं के काव्य का एक महासागर है... विभिन्न भाषाओं के प्रति अनुराग रखने वाले स्वयंसेवक कविता कोश के विभिन्न भाषा विभागों को परिवर्धित करते हैं। स्वयंसेवकों के इस श्रम को रेखांकित करने के लिए हम बहुत समय से एक कार्यक्रम करना चाहते थे जिसमें विभिन्न भाषाओं के गीतों की मिठास को एक साथ घोला जा सके।
[[चित्र:Kavitakosh-lokrang-ndwbf-2018.jpg|center|link=]]
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इस वर्ष की तमाम उपलब्धियों के साथ हम तेरहवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस वर्ष भी हम स्वयंसेवा की भावना को और आगे बढ़ाने का कार्य करते रहेंगे। इस वर्ष और बहुत से स्वयंसेवक हमारे साथ जुड़ेंगे... इसका हमें विश्वास है!
 
-- '''[[ललित कुमार]]'''