भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यह क्‍या है / आभा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आभा |संग्रह= }} {{KKCatK​​ avita}} <poem> यह क्या...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:21, 5 जुलाई 2018 के समय का अवतरण

{{KKCatK​​ avita}}

यह क्या है जो
खुशी के समुद्र में भी
रुला रहा है मुझे
अनजाने में जिसे खो दिया है
वो आज भी प्यारा है उतना ही
ये कैसी लहरें मेरे जेहेन में शोर मचा रही हैं

प्यार के लिया अपनी बाहें फैला कर
मै दुआ करती हूँ
कि जिसने उसे पाया है
वो खुश रहे
और मेरे आंसू उसकी सूरत में
वो चमक पैदा करें
जिसे देख मेरी आँखें भी शीतल हों।

21-8-2011