भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अकासियो / लक्ष्मीनारायण रंगा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:02, 24 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
अन्धारै रै खम्भे
टंग्यो है
अकासियो,
रात रै जै‘र नै
पीवै है
अकासियो,
अमूझै री घुटण
घुटै है
अकासियो
आन्धी री पीड़ पी
मुळकै है
अकासियो,
रात भर अेकलो
बळै है
अकासियो,
दूजां रै खातर
जगै है अकासियो
अंधियारै माथै
उजाळै री जै
प्रगटै है
अकासियो,
म्हारै मन मांय
सैचन्नण है
अकासियो