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"पाछा पग थूं धरयै ना / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

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कीं थारी लीला दिखाव
इण घर मांय
दिन री वेळा आयै
सगळा मिळ जासी।

थांनै लुकाऊं नीं
थांरै आडो आऊं नीं
थांनै सागै कीं नीं लावणो
छोड बंसरी नै
मा जसोदा अर नंद बाबा
अठै ई मिळ जासी
थांरी उडीक मांय।

बलराम-सुदामा अठै बिराजै
गोप-बाछड़ी सागै रमै
सूरज-चांद अठै मिळैला
बंसरी थारी सागै लायै
रूंख, गोपियां सगळा सुणैला।

कित्ता जुगां सूं उडीक है थारी
था संग मिळण सारू
मिळणै री टैम आयगी
पाछा पग थूं धर्यै ना।