भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रेत (नव) / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:47, 24 जुलाई 2018 के समय का अवतरण

मिनख नै
मिनख सूं जोड़ै राखै
बात करै तो रेत
रेत बिना नीं जुड़ै तार
मून रैवै रेत
सगळां नै बोलावै रेत
दूर परदेस सूं जोड़ै रेत
मोबाईल री बोली है रेत
मोबाईल री चिप है रेत।

सगळै संसार रो भार उठावै
चाय पीवै तो रेत
जीमै तो रेत
बीमारी रो इलाज है रेत
पेन री स्याही है रेत
जिंदगी रो नांव है रेत
मिनख री पिछाण है रेत।