भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ए कान्छा मलाई सुनको तारा खसाइदेऊ न / अम्बर गुरुङ" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= अम्बर गुरुङ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatGeet}} | ||
{{KKCatNepaliRachna}} | {{KKCatNepaliRachna}} | ||
<poem> | <poem> |
16:18, 30 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
केटी
ए कान्छा मलाई सुनको तारा खसाइदेऊ न
केटा
त्यो तारा मात्र हैन जून पनि झारिदिउँला
केटी
गलगोरु बाँधेर छिटै भेट्न आऊ न
बाटोमा रात पर्ला उज्यालोमै आऊ न
केटा
अँधेरो के हो र मायाप्रीति अघि
पर्खिदेऊ म आउँछु अँध्यारोलाई तोडी
केटी
लौ हिंडी जाऊ त्यहाँ बादल छिनी ल्याउन
बादललाई गाँसेर आँचल बनाइदेऊ न
केटा
लौ हुन्छ बादलको आँचल बनाइदिउँला
छेउछेउमा सुनको जलप लगाइदिउँला