भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वृद्धो की पीड़ा( हाइकु) /रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
1 | 1 | ||
− | वृद्धाश्रम न | + | वृद्धाश्रम न |
− | घर में भी माँ बाप | + | घर में भी माँ बाप |
− | हैं मजबूर | + | हैं मजबूर |
2 | 2 | ||
− | कौन सुनेगा | + | कौन सुनेगा |
− | वृद्धों की फ़रियाद | + | वृद्धों की फ़रियाद |
− | पैसा न पास | + | पैसा न पास |
3 | 3 | ||
− | नई पीढी को | + | नई पीढी को |
− | माँ -पापा नहीं भावें | + | माँ -पापा नहीं भावें |
− | ऐश उड़ावें | + | ऐश उड़ावें |
4 | 4 | ||
− | कैसी औलाद | + | कैसी औलाद |
− | माता -पिता को भेजें | + | माता -पिता को भेजें |
− | वृद्ध -आश्रम | | + | वृद्ध -आश्रम | |
5 | 5 | ||
− | समझे न जो | + | समझे न जो |
− | समय समझा देगा | + | समय समझा देगा |
− | वृद्धो की पीड़ा | + | वृद्धो की पीड़ा |
6 | 6 | ||
− | उपाय नहीं | + | उपाय नहीं |
− | बुढ़ापे के दर्द से | + | बुढ़ापे के दर्द से |
− | नहीं बचोगे ? | + | नहीं बचोगे ? |
+ | |||
</poem> | </poem> |
08:50, 10 अगस्त 2018 के समय का अवतरण
1
वृद्धाश्रम न
घर में भी माँ बाप
हैं मजबूर
2
कौन सुनेगा
वृद्धों की फ़रियाद
पैसा न पास
3
नई पीढी को
माँ -पापा नहीं भावें
ऐश उड़ावें
4
कैसी औलाद
माता -पिता को भेजें
वृद्ध -आश्रम |
5
समझे न जो
समय समझा देगा
वृद्धो की पीड़ा
6
उपाय नहीं
बुढ़ापे के दर्द से
नहीं बचोगे ?