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"अपने दिल से, आप के नग़मों से हम / प्रमिल चन्द्र सरीन 'अंजान'" के अवतरणों में अंतर

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अपने दिल से, आपके नग़मों से हम
खेलते हैं खुद बखुद जख्मों से हम

वक़्त तो सबको मिटाता है मगर
मिट रहे हैं आपके ज़ुल्मों से हम

सिलसिला जन्मों का क्यों थमता नहीं
ले रहे हैं क्यों जन्म जन्मों से हम

ज़िन्दगी कुछ देर की मेहमान है
फ़ुर्र हैं मंज़िल से कुछ कदमों से हम।