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"सफलता का उधर से रास्ता है / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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09:20, 30 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

सफलता का उधर से रास्ता है
जिधर उम्मीद का दीपक जगा है

चराग़े इल्म है रौशन जहाँ भी
उजालों का वहाँ इक सिलसिला है

छिपा पाओगे कैसे तिशनगी को
ये पनघट प्यासे को पहचानता है

जियो और प्यार से जीने दो सब को
यही तो ज़िंदगी का फ़लसफ़ा है

ज़्ारा ऐ हुस्न तू चलना संभल कर
हवस का रंग मौसम में घुला है

कहाँ जाएं किधर जाएं बताओ
शजर ही पंछियों का आसरा है

सवाबों की कमाई हो तो कैसे
किसी का ग़म कभी साझा किया है?