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"आज इस वातावरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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10:10, 30 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

आज इस वातावरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद
इस क्षरित पर्यावरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद

दौड़ते रहते हैं हरदम स्वर्ण मृग के पीछे ही
अपनी ख़ुशियों के हरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद

हमने भूमि वायु जल सब कुछ विषैला कर दिया
इस बदलते आवरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद

हम ने ख़ुद अपने ही हाथों से उजाड़े हैं चमन
ख़ुशबू-ए-गुल के मरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद

देख कर अपने बड़ों को ही तो बच्चे सीखते
बच्चों के इस आचरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद

ज़िंदगी की बह्र क्या हो, क्या रदीफ़ो क़ाफ़िया
इस ग़ज़ल के व्याकरण के हम हैं ज़िम्मेदार ख़ुद