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"बूढ़ा एक शजर हूँ मैं / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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10:12, 30 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

बूढ़ा एक शजर हूँ मैं
कुछ चिड़ियों का घर हूँ मैं

सच्चा इक रहबर हूँ मैं
मील का इक पत्थर हूँ मैं

दिखता कुछ बाहर हूँ मैं
लेकिन कुछ भीतर हूँ मैं

गीत ग़ज़ल जो भी समझो
शब्दों का पैकर हूँ मैं

मुझको तुम पढ़कर दखो
सबसे ही से हटकर हूँ मैं