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जनवरी-फरवरी / रामकुमार कृषक

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पीठ ही पीठ हम / है नहीं शक उन्हें
साल आया बजट आ गया फिर नया
जनवरी-फ़रवरी / फ़रवरी-जनवरी...
03.03.1987
</poem>
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