भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोपाल योञ्जनदिव्य खालिङ
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
{{KKCatNepaliRachna}}
<poem>
आँशुसितै पग्ली झर्ने हाँसोभित्रै खेलिरहने
प्रीत नपाई रोजी हिँड्ने ती अधुरा अधूरा मेरा सपना
भावनामा अल्झिरहने कल्पनामा बल्झिरहने
जीवन नपाई खोजिहिँड्ने ती पुराना मेरा सपना
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
9,789
edits